Friday, April 17, 2020

देश का दिल मत टूटने देना - युवाओं को खुला खत

देश का दिल मत टूटने देना

प्रिय युवाओं 
      सादर वंदे,
वक्त बहुत कम है देख, यूं ही न निकल जाए
बन जा तू पूरब दिशा, सूरज तो निकल पाए

सोशल मीडिया को ज्ञान का श्रोत बनाकर शिक्षक की भांती समाज जागृत करने निकल पड़े साथियों से मेरी यही विनती है कि अपनी जवाबदारियों को समझिये देश आपकी ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है।

युवा पानी की वह धार है जो सही दिशा में चली गई तो क्रांति लाती है। गलत दिशा चली गयी तो बर्बादी लाती है। और अगर धारा के साथ बहकर रह गई तो सागर में मिलकर स्वयं को नष्ट कर लेती है। 

नदिया की धारा से जो पानी अलग होकर सही दिशा में बहता है वही सृष्टि का रक्षक, विकास का पोषक और सुख-समृद्धि का वाहक होता है। खेती, किसानी, कल-कारखाने, विकास के हर पहलू इसका जीवंत उदाहरण हैं। नदी की धारा के साथ जो बहता चला जाता है वह अंततः  सागर में गिर कर अपने अस्तित्व को खत्म कर लेता है। युवाओं को अपनी दिशा बहुत सोच समझकर तय करनी है।

युवाओं के एक बहुत बड़े हिस्से को मैं देख रहा हूं कि वह समर्थक के रूप में अपनी भूमिका निर्वहन कर रहा है। आने वाले विचारों का ताली पीटकर से ऐसा स्वागत कर रहा है मानों उसे दिशा मिल गयी हो। यह जाने सोचे बिना कि वह जिस धारा में बह रहा है उससे भारत माता को फायदा पहुंचेगा या नुकसान। युवाओं को अब संभल जाना चाहिये।

युवा जब भावनाओं में बहकर भीड़ तंत्र का हिस्सा बनता है, तब वह अपना व्यक्तित्व समूल नष्ट कर लेता है। भीड़ तंत्र का हिस्सा मत बनिए क्योंकि यह आपको कहीं का नहीं छोड़ेगी। भीड़ तंत्र का मुखिया ही सदैव सुख में रहा है, उसका हिस्सा रहे लोग नहीं।

यह चिंतन जरुर कीजिये की भीड़ तंत्र के मुखिया की जयकारा लगाकर आप कहीं समाज को क्षति तो नहीं पहुंचा रहे हैं। । इसके लिये आपको ध्यान देना है कि कहीं आप उसके साथ तो नहीं खड़े हैं

जो नफरत फैला रहा है
जो झूठ फैला रहा है
जो प्रश्नों से भाग रहा है
जो दूसरे को नीचा दिखाकर खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित कर रहा है
जो दूसरे को चोर बताकर खुद को साहूकार बता रहा है

अगर ऐसा है तो समझ जाइये उसका उद्देश्य आपकी आंखों में धूल झोंकना है। आपको धोखा देकर राज करना है। आप समझिये बांटो और राज करो की नीति के तहत ही नफरत फैलाई जाती है। झूठ आदमी तभी बोलता है जब वह सच को छुपाकर गलत मार्ग से कुछ हासिल करना चाहता है। उत्तर देने की स्थिती में ना हो तब नेतृत्वकर्ता प्रश्नों से भागता है। किसी को दूसरे की नजरों में गिराकर स्वयं को उच्च वही बताता है, जो स्वयं कमजोर होता है। साधारण सी बात है कि स्वयं को साहूकार साबित करने के लिए किसी को चोर बतलाने की आवश्यकता ही क्या है।

प्रिय युवाओं देश समाज परिवार सब आपकी ओर देख रहे हैं। आप पर भारत को महान बनाने की महत्वपूर्ण जवाबदारी है। विश्व नेतृत्व के लिये भारत को तैयार करने की जबवाबदारी है। प्रेम भाईचारे की मिसाल कायम करने की जवाबदारी है। शिक्षा की ज्योत जलाने की जवाबदारी है। संपूर्ण जवाबदारियों का केंद्र बिंदु आप हैं। देश का, देश वासियों का दिल मत टूटने दीजियेगा।

आशा है आप समर्थक बनकर छद्म लोगों के विचारों का वाहक बनना बंद करेंगे। राष्ट्र निर्माण के वाहक बनेंगे।
      जय हिंद ...
राजेश बिस्सा
9753743000
लेखक राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत स्वतंत्र विचारक हैं। युवाओं के बारे लगातार लिखते रहे हैं।

18 अप्रैल 2020

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