Monday, April 20, 2020

युवा बेमान सोच का वाहक नहीं - राजेश बिस्सा


युवा बेमान सोच का वाहक नहीं

प्रिय युवाओं
       सादर वंदे

वो उन्माद जो इंसानियतों पर भारी है
युवा बैठे रहा मौन तो अंत प्रलयंकारी है

पालघर, महाराष्ट्र में हिंसक भीड़ ने तीन लोगों की हत्या कर दी। जब से यह समाचार देखा है मन बहुत उदास है। वेदना के कांटे सपष्टतः चुभता महसूस कर रहा हूं। मुझे इससे ज्यादा पीड़ा इस बात की हो रही है कि कुछ राजनेताओं एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के मुट्ठीभर प्रहरियों को इसमें भी चाशनी नजर आ रही। मानों वो इसमें डूब कर मनपसंद रसगुल्ला बन जायेंगे। जिसे लोग चाव से खायेंगे।  

राजनेताओं के जनमत बनाने के इस तरीके का और उनके इस अभियान को रंग देने में लगे लोकतंत्र के प्रहरियों का बहिष्कार और प्रतिकार होना चाहिये। वर्ना इसकी आग कब हमें, हमारे परिवार को, हमारे चहेतों को लील लेगी पता ही नहीं चलेगा। काल बोलकर नहीं आता।

आज इस विषाक्त वातावरण को खत्म करने की सबसे बड़ी जवाबदारी युवाओं के उपर है। जो नफरती बातें कर रहा है उससे सीधा सवाल करना होगा कि आपने हमारे जीवन को खुशियों के रंग देने वाले विषय शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के बारे में कब बोला। उसे कब अपने आक्रमक अभियान का हिस्सा बनाया। क्या कारण है कि राग-द्वेश और नफरत ही आपकी चर्चा और अभियान का मुख्य हिस्सा है।

यकीन मानिये उनका मौन आपको इस बात का अहसास करा देगा की ये सफेद पोश लोग एक बेमान सोच के वाहक बने हुए हैं। जिसका हमें खुलकर प्रतिकार करना है।

प्रिय साथियों एक बात गांठ बांध लीजिए भावनात्मक विषयों के प्रति जब हम खिंचे चले जाते हैं। तब हम दबे पांव शोषण को अपनी ओर बुला रहे होते हैं। हम न्योता दे रहे होते हैं उन धूर्त लोगों को कि "आओ हमारी ऊर्जा का दुरुपयोग कर लो"। अपनी राजसत्ता हासिल कर लो। अपने उद्देश्यों को सार्थक कर लो। 

आप से निवेदन है कि आज इसी समय से प्रण कर लीजिए  कि - 
सांप्रदायिक विषयों से दूर रहेंगे।
सामाजिक कटुता नहीं बढ़ने देंगे।
क्षेत्रवाद का संघर्ष नहीं उभरने देंगे।
धार्मिक उन्माद पर लगाम लगाऐंगे।
वर्ग संघर्ष के विरुद्ध खड़े रहेंगे।

यह ऐसे विषय हैं जिनके बारे में अवसरवादी लोगों को समझ में आ गया है कि उन्माद फैलाकर स्वार्थ साधने की राह आसानी से बनाई जा सकती है।

आपको इस बात को लेकर भी संकल्पित होना है कि अब राजसत्ता की राह के उन्ही राहगीरों को मार्ग दिखाया जाएगा जिनके पास रोड मैप होगा युवाओं को रोजगार देने का अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने का सबको शिक्षा देने का गांव को उन्नत करने का किसानों को सामर्थ्यवान बनाने का।

इतिहास गवाह है। जब-जब युवा दूसरों की बातों में आया है। उसने अपनी सांस्कृतिक विरासत व सामर्थ्य को खोया है। संपूर्ण समाज को खतरे में डाला है। सामाजिक व धार्मिक, प्रेम व स्नेह के वातावरण को छिन्न भिन्न किया है।

प्रिय साथियों एक बार आप लक्ष्य बना लीजिए कि मन में नफरत के भाव पैदा नहीं होने देंगे। समग्र विकास की जो बात करेगा उसको हृदय से लगाऐंगे देखिए कैसे परिवर्तन आता है।

राजेश बिस्सा
9753743000
लेखक राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत स्वतंत्र विचारक हैं। युवाओं के बारे लगातार लिखते रहे हैं।
20 अप्रैल 2020

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